Tum Apna Ranjo Gum-Apni Pareshani - Jagjit Kaur- Shagoon 1964



तुम अपना रंजोग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो

तुम अपना रंजोग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्‍हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो.

ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूं इन निगाहों में,
बुरा क्‍या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो.

मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्‍हें कैसे सताती है
कोई दिन के लिए अपनी निगेहबानी मुझे दे दो.

वो दिल जो मैंने मांगा था मगर ग़ैरों ने पाया था
बड़ी शय है अगर उसकी पशेमानी मुझे दे दो.


जगजीत कौर ,संगीतकार खय्याम साहब की धरम पत्नी हैं.और इस गीत को वहीदा जी ख़ुद पर फिल्माना चाहती थी मगर फ़िल्म की कहानी के अनुसार इसे निवेदिता को दिया गया.एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल साहिर जी की लिखी हुई .कहा जाता है यह gazal उन्होंनेअपनी कॉलेज की माशूका [ईश्वर] के लिए लिखी थी .

फिल्‍म -शगुन (1964)
गीत -साहिर लुधियानवी
संगीतकार -ख़ैयाम
मूल गायिका -जगजीत कौर
Actor : Kamaljeet, Nivedita, Vahida Rahman.