Hui sham unka khayal aa gaya (Muhammad Rafi)



हुई शाम उनका ख्याल आ गया


हुई शाम उनका ख्याल आ गया...
हुई शाम उनका ख्याल आ गया
वहीं जिन्दगी का सवाल आ गया

अभी तक तो होंठों पे था तबस्सुम का एक सिलसिला
बहुत शादमां थे हम उनको भुलाकर
अचानक ये किया हो गया
कि चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया

हुई शाम उनका ख्याल आ गया
वहीं जिन्दगी का सवाल आ गया...

हमें तो यही था गरूर, गम-ए-यार हॆ हम से दूर
वही गम जिसे हमने किस-किस जतन से
निकाला था इस दिल से दूर
वो चल कर कयामत की चाल आ गया

हुई शाम उनका ख्याल आ गया
वहीं जिन्दगी का सवाल आ गया...

Film: मेरे हमदम मेरे दोस्त - 1968
Singer: Mohd. Rafi