Rang aur noor ki baaat - Rafi-sahir ludhianvi- gazal with a trib...



रंग और नूर की बारात - Rang Aur Noor Ki Baaraat (Md.Rafi)


रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसीं रात किसे पेश करूँ

मैने जज़बात निभाए हैं उसूलों की जगह
अपने अरमान पिरो लाया हूँ फूलों की जगह

तेरे सेहरे की, ये सौगात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

ये मेरे शेर, मेरे आखिरी नज़राने हैं
मैं उन अपनों में हूँ जो आज से बेगाने हैं
बे-त-आलुक्ख सी, मुलाकात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

सुर्ख जोड़े की तबोताब मुबारक हो तुझे
तेरी आँखों का नया ख़्वाब मुबारक हो तुझे
मैं ये ख़्वाहिश, ये ख़यालात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

कौन कहता है के चाहत पे सभी का हक़ है
तू जिसे चाहे, तेरा प्यार उसी का हक़ है

मुझसे कह दे, मैं तेरा हाथ किसे पेश करूँ
ये मुरादों की...

Movie/Album: ग़ज़ल (1964)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी

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